धून सुप्रभात....!

*धून सुप्रभाती....!*

सुंदर ते ध्यान
मणी पांडुरंग
उभारुन दंग
चांद्रभागी.....!

हाती वीणा वाजे
मुखी चाल बोले
अंगी हरिनाम डोले
भिमातीरी.....!

नाथांचे मन श्लोक
गाती पाहाटेच्या काळी
कानी पडते भूपाळी
गोदावरी तीरी....!

रंग उधळतो अंगी
कृष्णा वाजीतो बासरी
धन्य अनंत सागरी
भिमातीरी....!

विठू विटेवरी उभा
भाळी कपाळी कस्तुरी
गंध दरवळे पंढरी
चंद्रभागा....!

माय माऊलीया माझी
सुप्रकाळी या बोले
मज स्नान घाले
पंचगंगा....!

           -- ग. सु. डोंगरे 🤓

         💐  *(सुप्रभात)*  💐

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